जिस तरह चरकली(चिडि़याँ) चहकती है उसी तरह यह ब्लॉग हरदम चहकने वाली आपकी दोस्त चरकली यानि कि गायत्री के विचारों की चहक का प्रतिबिम्ब है। जिसमें आप समसामयिक मुद्दों पर मेरी बेबाक राय के साथ ही मेरे जीवन के कई अनछुए पहलुओं से भी अवगत होंगे।
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