tag:blogger.com,1999:blog-414109135532452753.post6176370068568435280..comments2024-01-23T10:55:10.404+05:30Comments on चरकली: मैं कहती, तू कर देता डॉ. गायत्री शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09608141295029562141noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-414109135532452753.post-61606498465179288972014-06-23T17:10:12.721+05:302014-06-23T17:10:12.721+05:30नमस्कार विजय जी, सबसे पहले आपकी प्रतिक्रिया के लिए...नमस्कार विजय जी, सबसे पहले आपकी प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया। अक्सर मुझे आपके ब्लॉग पर प्रकाशित कविताओं के अपडेट्स ई मेल पर प्राप्त हो जाते हैं। आपकी कल्पनाशीलता व शब्दों का चयन उम्दा है। मैंने आपकी कुछ कविताएँ पढ़ी है। जो बहुत अच्छी है। डॉ. गायत्री शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09608141295029562141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-414109135532452753.post-14692347202437796162014-06-23T16:10:22.243+05:302014-06-23T16:10:22.243+05:30नमस्कार गायत्री जी
आपको मेरा ब्लॉग - कविताओ के मन...नमस्कार गायत्री जी <br />आपको मेरा ब्लॉग - कविताओ के मन से तो याद होंगा . अब मैंने फिर ब्लॉग्गिंग पर ध्यान दिया है . और सृजन कर रहा हूँ . आप कैसी है . अब भी इंदौर में ही है क्या . <br /><br />आपका ये नज़्म अच्छी लगी . <br /><br />अब फिर से निरंतरता रहेंगी . हो सके तो कॉल करे <br /><br />विजय कुमार <br />हैदराबाद<br />09849746500 vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.com