तू आता है और चला जाता है ...

तू आता है और चला जाता है दबे पाँव उनींदी आँखों का सपना बन सपनों को हकीकत का धरातल दिखाता है तू आता है और चला जाता है जब सरसराते हैं गालों पर बाल जब सूरज को देख अलसाती है आँखे तब तू मिलन के मीठे सपने सजाता है तू आता है और चला जाता है आती है फिजाओं में कस्तूरी की महक मन ही मन कुछ हुआ जाता है खुद को आईने में देखूँ तो आईना शरमाता है तू आता है और चला जाता है कोरे पन्नों पर उकेरती हूँ कल्पनाएँ तब तू दिलो दिमाग पर छा जाता है अल्फाज दिल में उठते हैं मेरा मन कवि बन जाता है तू आता है और चला जाता है ..... - गायत्री