श्राद्ध पक्ष में दीपावली
आज हमारा 60 वर्षों का इंतजार खत्म हुआ और माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हम सभी ने मानो राहत की सास ली है। इस निर्णय के पूर्व व पश्चात पुलिस प्रशासन की सख्त चौकसी व हर चौराहे पर बड़ी मात्रा में मौजूदगी काबिलेतारीफ व आमजन की सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही अच्छी थी। एक लंबे इंतजार के बाद आए इस फैसले पर अफवाहों का बाजार काफी पहले से गर्म था पर फिर भी लोगों को यह विश्वास था कि न्यायालय का जो भी निर्णय होगा वह निसंदेह ही दोनों पक्षों की भावनाओं को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा और वैसा ही हुआ भी। जहाँ तक एक पत्रकार होने के नाते मैंने लोगों से इस विषय पर चर्चा की तो उनका यही कहना था कि अयोध्या में मंदिर बने या मस्जिद, उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। वे तो बस यही चाहते है कि फैसला जल्द से जल्द व दोनों समुदायों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया जाए। सच कहूँ तो अब आम आदमी भी ऐसे मुद्दों पर कट्टरवादिता दिखाकर या तोड़-फोड़ कर अपना समय व जन या धन की क्षति करने के जरा भी मूड में नहीं है। अब वो दिन गए जब लोग लड़ाई झगड़े करने की फिरात में घुमा करते थें। कुछेक शरारती तत्वों को छोड़कर हर क...