मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना
जात-पात, धर्म-मजहब हम हमें अलगाववाद या एकेश्वरवाद नहीं सिखाता है। याद रखें कोई मजहब कभी कट्टरपंथिता नहीं लाता। हमें कट्टरपंथी तो हमारी सोच बनाती है। जो मंदिर और मस्जिद में दूरियाँ बढ़ाती है।
गीता कभी मुस्लिम को बैरी बनाने का और कुरान कभी हिंदु को मार गिराने का संदेश नहीं देती है। यह सब हम अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए करते है और अल्लाह और राम के नाम को कलंकित करते है। क्यों नहीं हम ऐसे समाज की कल्पना करते है। जहाँ मंदिर में अज़ान और मस्जिद में आरती हो? ऐसा समाज हकीकत में भी बन सकता है। बस जरूरत है तो थोड़ा नम्र होने की व अपनी कट्टरपंथिता छोड़ने की।
- गायत्री शर्मा
चित्र हेतु साभार : देवेंद्र शर्मा, रतलाम
गीता कभी मुस्लिम को बैरी बनाने का और कुरान कभी हिंदु को मार गिराने का संदेश नहीं देती है। यह सब हम अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए करते है और अल्लाह और राम के नाम को कलंकित करते है। क्यों नहीं हम ऐसे समाज की कल्पना करते है। जहाँ मंदिर में अज़ान और मस्जिद में आरती हो? ऐसा समाज हकीकत में भी बन सकता है। बस जरूरत है तो थोड़ा नम्र होने की व अपनी कट्टरपंथिता छोड़ने की।
- गायत्री शर्मा
चित्र हेतु साभार : देवेंद्र शर्मा, रतलाम
Comments
Post a Comment
आपके अमूल्य सुझावों एवं विचारों का स्वागत है। कृपया अपनी प्रतिक्रियाओं से मुझे अवगत कराएँ।