जममीर में आज़ादी की दस्तक


मोदी के आने से अच्छे दिन आने वाले है नहीं बल्कि अच्छे दिन आ चुके है। चोरों के खिलाफ देश के चौकीदार बने मोदी ने इमरान की सत्ता को हिलाकर रख दिया है। वायु में अभिनंदन का झंडा गाड़कर अब भारत-पाक को शाह रूपी थल बम 💣 से हिलाकर रख दिया है। पाकिस्तान में त्राहिमाम करने के लिए जल बम 💣 भी मोदी के पास ही है। 
  भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद करने की दिशा में एक नई पहल हुई है। मोदी की दूरदर्शिता व शाह की कूटनीति के चलते कश्मीर का हो गया है ब्रांड न्यू मेकओवर। हिंदुस्तान के क़ानून को एकरूपता दिलाने व जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को शोषण व गुलामी की ज़िन्दगी से एक आज़ाद व बेहतर ज़िंदगी की ओर ले जाने के लिए मोदी व शाह की जोड़ी द्वारा कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। धारा 35 ए व धारा 370 को हटाकर अब जम्मू-कश्मीर बनेगा केंद्र शासित प्रदेश। जम्मू-कश्मीर से पृथक कर लद्दाख भी शामिल होगा नवीनतम 9 केंद्रशासित प्रदेशों की सूची में।
         पाकिस्तानी आतंकियों के खौफ व आतंकी अट्टहास के चलते दूसरा पाकिस्तान बनने वाला जम्मू-कश्मीर अब बाहरी व भीतरी आतंक के खौफ से आज़ाद हो रहा है। नेहरू के गलत फैसलों के चलते भारत का अंग होते हुए भी धारा 370 व 35 ए के चलते बेलगाम हुआ जम्मू-कश्मीर अब फिर केंद्र के हाथों में आकर सजने-सँवरने को तैयार है। कभी जम्मूरियत के नाम पर तो कभी इस्लाम के नाम पर चलाई जा रही आतंक की पाठशाला, पाकिस्तान जिंदाबाद की आवाज़, सेना पर बेख़ौफ पत्थरबाज़ियों की हिमाकत, कश्मीरी पंडितों की हत्याएं सब अब कल की बातें बन जाएगी क्योंकि जम्मू-कश्मीर का भविष्य व वर्तमान अब सुखद व सुंदर होने जा रहा है ।
         सही मायनों में आज जम्मू-कश्मीर के लिए आज़ादी का पर्व है। आज देश की आवाम खुश है लेकिन मोदी-शाह के कड़े फैसलों के चलते जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का अंग व आतंक का गढ़ बनाने का ख्वाब देखने वाले मेहबूबा, फारूख़ व उमर के चेहरे उदास है, उनके मन में छटपटाहट है, अपनी सत्ता व तानाशाही खोने का ग़म है और अपने पाकिस्तानी आक़ाओं से वादाफ़रमानी के नतीज़ों का डर है। न जाने आज़ाद कश्मीर में उनका भविष्य अब क्या होगा। मोदी व शाह के चलते अब जम्मू-कश्मीर में इस्लाम के नाम पर चल रहे उनके बेपाक़ ईरादों के मदरसे तो पक्का बंद हो जाएंगे और मोदी के खिलाफ ज़हर उगलने के लिए पाकिस्तान से की जा रही फंडिंग की बरसात भी थम जाएगी। फिर उनकी जो दुर्गति होगी उसकी कल्पना मात्र से भी वो खिसिया रहे है लेकिन क्या करे यह मोदी और शाह का बेहतर भारत है, जिसमें आज़ादी का मतलब वाक, विचरण, धर्म, आध्यात्म, संस्कृति, समानता, समता और अभिव्यक्ति की आज़ादी से है।
चित्र साभार : गूगल
- डॉ.  गायत्री

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