लिखूँ तो क्या लिखूँ
लिखूँ तो लिखूँ क्या
तेरा नाम या
तेरे नाम कोई पैगाम?
प्रेम लिखूँ, प्रियतम लिखूँ
या लिखूँ प्राणनाथ?
कुछ न लिखूँ तो
कोरे कागज पर ही
लिख दूँ तुझे
'तू है मेरी जान'
तू ही बता तारीफों के पुल बाधूँ
या लगा दूँ तुझ पर
मेरी नाफरमानी का इल्जाम?
कह दे तू तो खामोशी से
बन जाऊँ मैं तेरी गुलाम
फूल भेजूँ, गुलदस्ता भेजूँ
या भेज दूँ लिखकर मेरा नाम?
इत्र लगाऊँ, रंगों से सजाऊँ
या लगा लूँ सीने से यह पैगाम
तू ही बता कैसे भेजूँ तुझे पैगाम?
- गायत्री
तेरा नाम या
तेरे नाम कोई पैगाम?
प्रेम लिखूँ, प्रियतम लिखूँ
या लिखूँ प्राणनाथ?
कुछ न लिखूँ तो
कोरे कागज पर ही
लिख दूँ तुझे
'तू है मेरी जान'
तू ही बता तारीफों के पुल बाधूँ
या लगा दूँ तुझ पर
मेरी नाफरमानी का इल्जाम?
कह दे तू तो खामोशी से
बन जाऊँ मैं तेरी गुलाम
फूल भेजूँ, गुलदस्ता भेजूँ
या भेज दूँ लिखकर मेरा नाम?
इत्र लगाऊँ, रंगों से सजाऊँ
या लगा लूँ सीने से यह पैगाम
तू ही बता कैसे भेजूँ तुझे पैगाम?
- गायत्री
बढ़िया।
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