चाँद मेरा दिल, चाँदनी हो तुम ...

चाँद, आसमान में चमकता वो श्वेज ज्योतिपुंज है, जिसके रूप-सौंदर्य के आगे सब कुछ फीका है। कहने को तो नासा के वैज्ञानिक चाँद की उबड़-खाबड़ सतह पर गड्ढ़ों का दावा करते है परंतु इसी गड्ढ़ों वाले चाँद पर प्रेमियों के प्रेम की गाड़ी बेरोकटोक सरपट दौड़ती है। चाँद में कितने भी ऐब हो परंतु प्रेमियों के लिए वह अपने खूबसूरत और वफादार साथी की तरह बेऐब है क्योंकि जहाँ प्यार होता है, वहाँ पसंद होती है और जहाँ प्यार और पसंद दोनों होती है वहाँ प्रेम की प्रगाढ़ता के आगे हर ऐब गौण हो जाता है।

जिस चाँद से प्रेमी हर रोज घंटों बतियाते हैं, उस पर जब घर बसाने की बात हो तो प्रेमी भला कैसे पीछे रह सकते हैं? नासा की चाँद पर घर बसाने की संभावनाओं ने तो प्रेमियों को असल में चाँद पर जाने की नई उम्मीदें दी है। जब ऐसा होगा तो वाकई में प्रेमी का दिल गा उठेगा ... ‘चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो’।यह आसमान में चमकने वाला चाँद ही है, जिसकी सुनहरी चाँदनी में नहाकर प्रेमी प्रेम की अगाध गहराईयों में खो जाते हैं। घंटों तक प्रेमिका का हाथ थामे अपलक चाँद को निहारना, प्रेमिका के लिए चाँद तोड़कर ज़मी पर लाना, चाँद की दुहाई देकर जीने-मरने की कसमें खाना, पूर्णिमा के चाँद को प्रेमिका का सुंदर हुस्न बताना तो कभी चाँद में अपने प्रेमी की तस्वीर नजर आना ... वाकई में कभी तो यकीन ही नहीं होता कि हमसे करोड़ों मील की दूरी पर बसने वाला चाँद कल्पनाओं में हमारे कितने करीब है।   
जिस तरह प्रेमियों के लिए चाँद खास है उसी तरह चाँद के लिए भी प्रेमी जोड़े खास होते हैं। चाँद की चाँदनी भी प्रेमियों के प्रेम की उष्णता पर अपनी मखमली ठंडक बिखेरती है। कभी चुपके से झरोखे से झाँकता यह चाँद अमर प्रेम का साक्षी बन प्रेमियों को अपना आशीष देता है तो कभी चाँद की अलग-अलग मुद्राएँ प्रेमियों के मन में प्रेम की नई कल्पनाओं व उपमाओं को जन्म देती है। अमावस से लेकर पूर्णिमा तक चाँद की यात्रा के साथ प्रेमी भी उसके सहगामी बन अपने प्रेम को अलग-अलग तरीकों से अभिव्यक्त करते हैं। दूज, तीज, चौथ से लेकर पूर्णमासी तक कभी करवा चौथ, तीज और ईद का चाँद मन्नतों के रूप में मन में उम्मीदों को जगाता है।
सदियों से कवियों की कविताओं, शायरों की गज़लों, प्रेमियों की उपमाओं और रोमांस के गीतों में चाँद का जिक्र आता रहा है। न जाने चाँद और हमारा रिश्ता कितना पुराना और अटूट है। बदस्तूर यह चाँद प्रेमियों पर अपने रहमों-करम बरसाकर उनके प्रेम को दीर्घायु होने की एक उम्मीद देता रहे। इसी आशा के साथ एक नजर डालते हैं चाँद पर फिल्माएँ कुछ गीतों पर। 

चाँद सी मेहबूबा हो मेरी... , फिल्म – हिमालय की गोद में
 तू चँदा, मैं चाँदनी ... , फिल्म – रेशमा और शेरा
 चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मी पर आ ... , फिल्म –सपने
चाँद सिफारिश जो करता तुम्हारी ... , फिल्म – फ़ना
आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएँ ... , फिल्म – जख्मी
चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो .... , फिल्म पाकीज़ा
चाँद जैसे मुखड़े पर बिंदियाँ सितारा ... , फिल्म – सावन को आने दो
चाँद मेरा दिल, चाँदनी हो तुम ... , फिल्म – हम किसी से कम नहीं
चाँद से परदा कीजिए ... , फिल्म – आओ प्यार करे   
चाँद, तारें तोड़ लाऊँ ... , फिल्म – यस बॉस
चौंदवी का चाँद हो या आफताब हो ... , फिल्म – चौंदवी का चाँद
खोया-खोया चाँद ... , फिल्म – खोया-खोया चाँद
ये चाँद सा रोशन चेहरा ... , फिल्म – काश्मीर की कली
 - गायत्री 



-

Comments

Popular posts from this blog

महात्मा गाँधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में ब्लॉगरों का जमावड़ा

रतलाम में ‘मालवी दिवस’ रो आयोजन